विचारशून्यता (Thoughtless state ) की अवस्था सभी अवस्थाओं में श्रेष्ठ है क्यों ? कल्पना कीजिए कि मेरा कोई सपना है और वह सपना अब पूरा हो गया है, तो सबसे... read more →
हम खुद से ज्यादा कुछ नहीं देख सकते, ना कह सकते हैं, न समझ सकते हैं | जो कुछ भी हमें बाहर दिखाई देता है, वह हमारे ही भीतर का... read more →
कभी सोचा है की किसी से झगड़ने के बाद हम उदास क्यों हो जाते हैं यहाँ तक की हम सही हों , तब भी और किसी की निस्वार्थ सेवा कर... read more →
एक बाज का अंडा, मुर्गी के अंडो के बीच पहुंच गया I मुर्गी ने बाकी अंडो की तरह उसकी भी देख रेख की I बाकी अंडो से चूजे निकले और... read more →
आप क्या चाहते हैं एक गाड़ी एक बड़ी गाड़ी या एक बहुत बड़ी गाड़ी तो मैं आपको बता दूँ कि वारेन बफेट जो इस दुनिया के आठवें सबसे अमीर व्यक्ति... read more →
‘प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर प्रभु को नियम बदलते देखा अपना मान टले टल जाए पर भक्त का मान न टलते देखा’ जैसे किसी ने कहा है कि ‘दृढ़... read more →
एक ही विचार का दिमाग में बार बार घूमे जाना और हम चाह कर भी उससे बाहर न निकल पाए यह है कंपल्सिव थिंकिंग यह हमारे काम करने की सारी... read more →
क्या हम जान सकते हैं ? कोई ऐसी चीज जो ये बता सके , कि ये काम होगा या नहीं । कोई ऐसी चीज जो हमारे नियंत्रण में हो ,... read more →
Doing one thing and thinking about the other thing is a form of fear management and similar to the fight and flight response of our body system, it disrupts the... read more →
तुम खुश रहो , आनंद में रहो , मुक्त रहो , तुम्हें इसीलिए भेजा गया है | मैं तुम्हारे अंदर अपनी कृति के प्रति आनंद पाता हूं | दुख भी है,... read more →
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