विचारशून्यता (Thoughtless state ) की अवस्था सभी अवस्थाओं में श्रेष्ठ है क्यों ?
कल्पना कीजिए कि मेरा कोई सपना है और वह सपना अब पूरा हो गया है, तो सबसे पहले मैं सपना पूरा होने की खुशी मनाऊंगा, उसके बाद ईश्वर को धन्यवाद बोलूंगा, उसके बाद अपने सभी साथियों को जिन्होंने मेरा सपना पूरा होने में मदद की उनके साथ पार्टी करूंगा |
उसके बाद क्या होगा उसके बाद मेरा मन शांत हो जाएगा क्योंकि मेरी इच्छा पूर्ण हो चुकी है और अब कोई इच्छा बची नहीं तो कोई विचार भी नहीं होगा इसीलिए विचार शून्यता को सबसे बड़ी अवस्था माना गया है ,क्योंकि ऐसे में हम पूर्ण होते हैं और हमारे अंदर कोई विचार नहीं होते |
विचार शून्यता की अवस्था हमे क्या देती है ?
यह हमें शांति देती है, यह हमें ऊर्जा देती है ,हमारे सर के बाल जो बैठे रहते थे, ऊर्जा प्रकार खड़े हो जाएंगे उनमें जान आ जाएगी सांसे खुल जाएंगी ,तरोताजा महसूस करेंगे ,शरीर का हर अंग बेहतरीन काम करेगा | एकाग्रता (Focus) बढ़ेगी , जो काम करेंगे उसमें सफलता मिलेगी, और ब्रम्हांड (Universe) जो हमारी प्रमुख इच्छाएं हैं, उनके लिए हमे संकेत भेजेगा, रास्ता बताएगा| ऐसे में दो चीजें हो सकती है , ये वही इच्छाएं है ,जो हमे बहुत प्यारी है, इसलिए हम उनको पूरा करने में खो जाएंगे, बेचैन हो जाएंगे और अगर इच्छा दबाने की कोशिश की, तो शरीर विद्रोह कर देगा ,पेट में भारीपन आ जाएगा, कब्ज जैसा लगेगा |क्योंकि हमने इच्छाएं रोक रखी है, इसीलिए पेट त्याज्य पदार्थ रोक देगा, पकड़ लेगा |
इसलिए इच्छाओं के पीछे समभाव से चले और उन्हें पूरा करें , बिना दबाव बनाए, बिना भागे |जब भी इच्छा पूरी होगी, तो आप विचारशून्यता में अपने आप चले आएंगे, और इस अवस्था में अधिक से अधिक समय बिताने का प्रयास करें, और अगर आप अवस्था में कुछ समय तक रह पाए, तो यह जीवन अपने सभी रहस्य (Secret) आपके सामने प्रकट (Reveal )कर देगा |