‘प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर
प्रभु को नियम बदलते देखा
अपना मान टले टल जाए
पर भक्त का मान न टलते देखा’
जैसे किसी ने कहा है कि
‘दृढ़ संकल्प से दुविधा की बेड़ियां कट जाया करती हैं’
इस संसार में कोई ऐसा काम नहीं जो सच्ची आस्था और लगन से किया जाए और पूरा ना हो
प्रकृति के नियम अपना तोड़ खुद निकाल देते हैं और हमारा रास्ता साफ हो जाता है
इसी सन्दर्भ में नेपोलियन हिल अपनी एक शानदार बुक थिंक एंड ग्रो रिच में अपने साथी डार्बी के साथ हुई घटना बताते हैं.
डार्बी एक दोपहर अपने चाचा को एक पुरानी मिल में गेहूं पीसने में मदद कर रहे थे । चाचा का एक बड़ा फार्म था जिसमें कई मजदूर रहते थे। उसी समय दरवाजा खुला और एक सांवली लड़की वहां आई । और चुपचाप दरवाजे के पास बैठ गई।
उनके चाचा ने उस लड़की से रुखाई से पूछा: “तुम्हें क्या चाहिए?” उसने धीमे से कहा, “मेरी माँ ने कहा कि पचास सेन्ट उसे दे दें।”
“मैं कुछ नहीं दूंगा.’ घर जाओ!” पर यह लड़की हिली भी नहीं। चाचा अपने काम में मगन हो गया और उसने यह नहीं देखा कि वह लड़की वहाँ से गई नहीं है। अचानक उनकी नजर पड़ी और चिल्ला कर बोले, “तुम गई नहीं। मैं कुछ नहीं दूँगा। अब जाओ नहीं तो मैं तुम्हारी पिटाई करूंगा।”
पर लड़की हिली नहीं। अब चाचा एक डंडा लेकर उस लड़की की तरफ बढ़े।
उस इलाके में गोरे लोगों की अवमानना काले लोग नहीं कर सकते थे । डार्बी को लगा कि वह एक हत्या के चश्मदीद गवाह बनने वाले हैं। उन्हें मालूम था कि उसके चाचा बड़े क्रोधी और तुनुक मिजाज हैं। परन्तु उनको आता देखकर वह लड़की दृढ़ता से खड़ी हो गई और पूरी जोर से चीखी: “मेरी माँ को पचास सेंट चाहिए ही!”
चाचा अचानक रुका… उस लड़की की आँखों में देखा तथा डंडा एक तरफ रख कर जेब से आधा डालर यानि ५० सेंट्स निकाल कर उस लड़की को दे दिया।
लड़की वह लेकर दरवाजे की तरफ गई पर चाचा हारे हुए से दस मिनट तक खिड़की के बाहर देखते रहे
विकट परिस्थितियों में भी अगर हमारा संकल्प न डगमगाए तो हमें मंजिल को प्राप्त करने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती
एक अकेला आदमी पहाड़ काटकर सड़क बना देता है एक अकेला आदमी पूरा का पूरा जंगल लगा देता है एक लंगड़ी लड़की एवरेस्ट की ऊंची चोटी पार कर जाती है लोहे का एक बहुत भारी जहाज हवा में उड़ जाता है और न जाने क्या-क्या
मै जानता हूँ कि आपने भी इतिहास लिखे होंगे आप की भी कहानी होगी पर्वतों को झुका दिया होगा और हवाओं के बहाव को रोक दिया होगा लोग वाह-वाह कर उठे होंगे
कम से कम आप ने अनुभव किया होगा कि वह एक जो सिर्फ एक है वह आप की सुनता है आपको रास्ता दिखाता है और आपको बहुत साहसी बहुत ताकतवर बहुत खूबसूरत और बहुत खास होने का एहसास कराता है
कभी ना कभी तो जरूर आपने ऐसा महसूस किया होगा फिर बैठे क्यों हैं देर कहां हुई है आपके भी कुछ सपने हैं और आप जानते हैं कि आप उन्हें पूरा कर सकते हैं अच्छा स्वास्थ्य ज्यादा पैसा सम्मान यश शांति प्यार भरपूर समय सब कुछ
तो वो एक जो सिर्फ एक है आपको यह सब कुछ देना चाहता है और आपके ही निश्चय का इंतजार कर रहा है इसलिए उठिए बस बढ़ जाइए उसके बताए रास्ते पर एकाग्र होकर और आपको आपकी मंजिल जरूर मिलेगी