जीवन सीखने की एक सतत (continous ) प्रक्रिया (process) है I चीजो की समझ एक बात है और उनका अनुसरण (follow ) अलग बात है I अपने जीवन काल में हमारा सामना अच्छी बुरी परिस्थितियों से होता है जिससे हमारा व्यक्तित्व विकसित होता है I परिस्थिति (condition) कोई भी हो हमारी प्रतिक्रिया (reaction) और उसकी विवेचना (analysis) सदैव हमारी अपनी होती है I
मेरे अब तक के जीवन काल में मेरी मुलाकात बेहद समझदार लोगो से हुई और बहुत सारी पुस्तको में लिखी बातो का मेरे उपर काफी प्रभाव है I वैसे मेरा मानना है की हर बात कहीं ना कहीं लिखी या बताई गई है पर चुनाव की स्वतंत्रता (freedom to choose) हमारी अपनी है I विचारो में मतभेद बुद्धिजीवी वर्ग की निशानी है, जो बहुत सकारात्मक है, पर मेरे अनुसार खुशहाल जीवन के लिए हमें निम्नलिखित बातों बिन्दुओ का अनुसरण व अभ्यास करना चाहिए I
- बड़ी समझ रखें : यहाँ इस बात का तात्पर्य है की हर व्यक्ति हमारे आपके जैसा ही हाड़ मांस (flash and bones) का पुतला है I कुछ अच्छाइयों और बुराइयों के साथ जो कभी कभी हमें नजर नहीं आती I जब भी हम किसी को बहुत ज्यादा सम्मान देते हैं तो उसकी गलतियाँ/कमियां पचा (digest ) नहीं पाते I और घोर अवसाद (grief ) की अवस्था में पहुँच जाते हैं I
- देने का इच्छा रखें : जब भी कोई सम्बन्ध/बंधन (bond ) टूटता है और दो चीजे अलग होती हैं तो ज्यादा दुःख या हानि उस हिस्से (part ) को होती है जिसने इस सम्बन्ध का ज्यादा फायदा लिया हो I जब हमारी इच्छा, प्राप्ति (gain ) से ज्यादा लौटाने (return ) की होती है तो हमें अलगाव (separation) का दुःख कम होता है I
- संतुलन रखें : खुश रहने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है जीवन में सम (balance ) भाव को स्थापित करना I इस ब्रम्हांड में सब कुछ असीमित है और हम किसी भी चीज के पीछे जितना चाहें भाग सकते हैं जीवन पर्यंत , किन्तु याद् रखे जब हम एक चीज हासिल कर रहे होते हैं तो कोई दूसरी चीज दूर जा रही होती है I अधिक लालच में हम अपना समय, स्वास्थ्य ,परिवार और खुशियाँ सब कुछ दावं पर रख देते है I बेहतर ये है की जरुरत की चीजे व उनका परिमाण (amount ) निर्धारित करें और उससे ज्यादा संचय (collect) न करें क्योकि असीमित इच्छाएं केवल और केवल दुःख देती हैं I
- सभी को पसंद करें : सभी को सराहें ,प्यार करें ,सम्मान दें I याद रहे की हर व्यक्ति उस सर्वशक्तिमान की सुंदर रचना है I कोई भी हर समय और हर किसी के लिऐ केवल अच्छा या केवल बुरा नहीं होता I और हर कोई श्रृष्टि में संतुलन के लिए उतना ही जरुरी है जितना हम या आप I जैसा हम देखते हैं वैसे ही हम सामने वाले को दिखाई देतें हैं I अगर किसी से अनबन /शकायत/संघर्ष हो तो सोचे की आपकी कौन सी कमी उस व्यक्ति को आप पर हावी होने का मौका दे रही है और अगर लड़ना है तो अपनी कमियों से लड़ें उस व्यक्ति से नहीं I
- दयालु बने : कमजोर पर दया करें I कमजोरो और गरीबो को सताना महापाप है I हर गरीब /कमजोर अपने कारणों की सजा भुगत रहा है I और हम उसके बुरा होने में केवल साधन मात्र हैं I यह ऐसे ही है जैसे कोई तेज दौड़ती गाडियो के बीच बदहवास सड़क पैर दौड़ रहा है और हम उसे नजरंदाज करके अपनी गाड़ी से टकराने दें I याद रखें किसी को भी जान बूझकर पहुंचाई हुई तकलीफ और दर्द हमारे जीवन में दुर्भाग्य लाता है और जो दुसरो का उपहास बनाते हैं वह सच्चे अर्थो स्थाई रूप से खुश नहीं रह पाते I
- दृढ बने : ऐसा व्यक्ति जो अपनी इच्छा के अनुरूप कार्य करता है संतुष्ट व प्रसन्न रहता है इसके विपरीत दुसरो के अनुसार कार्य करने वाले व्यक्ति हमेशा तनाव ग्रस्त रहते हैं, अपने कार्य की जिम्मेदारियां भी नहीं ले पाते और गलतियाँ /कमियां होंने पर कष्ट झेलते हैं I ध्यान रखे हर रास्ता जो कार्य प्राप्ति की ओर ले जाता है सही हो सकता है इसके बाद भी कार्य का पूरा न होना आपकी उस रस्ते या तरीके में अविस्वाश (lack of trust )को दर्शाता है I अगर हम किसी की सलाह या निर्देश को माने तो हमें उस पर पूरा भरोषा होना चाहिए I
- सफल बने : एक साहसी व मेहनती इंसान हमेशा ही सफल होता है I अपने मष्तिष्क और विचारो को बन्धनों से मुक्त करे , खुला छोड़े I याद रखे आपकी सफलता में अगर कोई वास्तविक बाधा है तो वो आप स्वयं है I अपने विचार , वचन (statement), और कर्म में एकरूपता लाएं I संपूर्ण उर्जा व शक्ति को एक बिंदु यानि लक्ष्य पर केन्द्रित करें और मुझे पूरा विश्वास है की आपको सफलता अवश्य मिलेगी I एक व्यक्ति जिसे कोई मंजिल मुश्किल नहीं लगती प्रसन्न रहता है I
और अंत में मै यह कहूँगा की खुसी मन और मष्तिस्क की एक अवस्था है I यह आपके अंतर्मन से सम्बंधित है I कुछ पाने या हासिल करने में बस इसकी क्षणिक अनुभूति होती है , और फिर मन अपनी सामान्य अवस्था में लौट आता है जैसा की आपका स्वाभाविक व्यक्तित्व (Natural personality ) है I जिसने स्वयं पर विजय पाई है उसने मानो संसार पर विजय पाई है I इसलिए सभी को पसंद करें, यह समझें की सबका भला चाहते हुए हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं I और खुश रहें I