मैंने शुरू से यह महसूस किया है कि प्रकृति कही किसी को नया जीवन देती है तो कहीं किसी का विनाश करती है और जीवन मृत्यु का यह क्रम हमेशा ऐसे ही चलता रहता है I
अब मच्छरों को ही लेते हैं ,आजकल इनका प्रकोप बहुत बढ़ गया है , साथ ही बढ़ गई है इनकी जीवन शक्ति और जनसंख्या भी I रोचक बात यह है, कि केवल मादा मच्छर ही खून पीती है और वो भी इसलिए की उसे अधिक से अधिक अंडे देने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती हैI यह प्रोटीन उसे विभिन्न पशु पक्षियों व अन्य जीवो के खून से मिलता है I और आज हम अपनी बढ़ी तादात और आस पास फैली इस गंदगी की वजह से उनकी पहली पसंद बन गए हैं I
मजे की बात यह है कि मच्छर हमें, हमारे मुह से छोड़ी जाने वाली कार्बन डाई ऑक्साइड गैस ,पसीने की गंध , शरीर के तापमान व अन्य त्याज्य पदार्थो जैसे की यूरिक एसिड , अमोनिया आदि द्वारा पहचानते है I गौरतलब है की इनमे से कई पदार्थो को शरीर अपनी विभिन्न क्रियाओं जैसे श्वसन , मल, मूत्र आदि द्वरा शरीर से बाहर निकाल देता है I
भौतिकता के इस युग में जहाँ हर कोई सबसे आगे निकल जाना चाहता है , जहाँ नींद आती नहीं या नीद लेने का समय नहीं है I जहाँ शरीर का क्रम या संतुलन (यानि भोजन करना और त्याज्य पधार्थो को निकलना ) बिगड़ गया है I ऐसे में चिंतित , उदासीन, क्रोधित, पसीने से लतपथ, हाँफते ,कांपते लोगो की संख्या बहुत बढ़ गई है और आप समझ गए होंगे की मै कहना चाहता हूँ, कि यही वजह है हम मच्छरों को अधिक से अधिक आकर्षित कर रहे हैं
साथ ही साथ अपने विकास की प्रक्रिया में हमने प्रकृति का संतुलन बिगाड़ दिया है, प्रदुषण बढाया है I आलम यह है की आज हमारे चारो तरफ प्रदुषण है I हम प्रदूषित जल वायु और भोजन का सेवन कर रहे है जिससे हमारी और नयी पीढ़ी यानि बच्चो का शरीर कमजोर हो चुका है I यह वास्तविकता है की हमने गन्दगी फैलाई है और इसी गन्दगी से पला बढ़ा एक छोटा सा जीव आज हमारे लिए जानलेवा हो चुका है I
इसलिए दोस्तों ये नहीं तो कोई और बीमारी आएगी जो हमारे नाश का कारण बनेगी I ध्यान देने लायक बात यह है कि हमें अपने चारो तरफ और अपने भीतर सफाई और सादगी रखनी होगी , ताकि हम और हमारी आने वाली पीढ़ी दीर्घायु रह सके I
अंत में यह कहना चाहूँगा की मादा मच्छर हमें नहीं मारती बल्कि वो तो अपनी प्रजाति के लिए नए जीवन की तलाश कर रही है और हम अपनी बिमारियों की भेट चढ़ रहे है I तभी तो अक्सर ये सोचता हूँ कि प्रकृति कही किसी को नया जीवन देती है तो कहीं किसी का विनाश करती है और जीवन मृत्यु का यह क्रम हमेशा ऐसे ही चलता रहता है …….
Feb
16
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